शुक्रवार, १० मार्च, २०१७



Adolf Dassler Adidas Motivational Story

जूते बनाने वाला बना अरबो की कंपनी का मालिक 

जर्मनी की एक जूता फैक्टरी के मजदूर के घर जन्मे एडोल्फ डेसलर उर्फ एडी के विश्वविख्यात कंपनी एडिडास की स्थापना तक का सफर रोचक और उतार-चढ़ाव से भरा हुआ है। उनका बचपन हेरजॉगनआर्च में बीता। हेरजॉग का अर्थ है राजा या ड्यूक और आर्च एक नदी है। इस नदी का एडोल्फ की कहानी से गहरा संबंध है। एडिडास के संस्थापक एडोल्फ, कंज्यूमर प्रॉडक्ट बनाने वाली प्यूमा के संस्थापक रूडोल्फ डेसलर के छोटे भाई थे। 
करीब सवा सौ साल पहले न्यूरेमबर्ग (जर्मनी) के छोटे से कस्बे हरजोजेनोर्च में एक शू फैक्टरी में क्रिस्टन डेसलर नाम का व्यक्ति जूतों की सिलाई करता था। पत्नी पाओलिन वहीं एक छोटी-सी लॉन्ड्री चलाती थीं। इस दंपती के दो बेटे थे- एडोल्फ और रूडोल्फ, जिन्हें प्यार से एडी और रूडी बुलाया जाता था, दोनों भाई अच्छे खिलाड़ी थे। पिता द्वारा बनाए स्पोर्ट्स शू की फिटिंग से एडी कभी खुश नहीं हुआ। वह सोचता था कि ऐसे शूज पहनकर कोई खिलाड़ी मैदान में कैसे अच्छा प्रदर्शन कर सकता है। 
 कम उम्र में एडोल्फ जूते बनाने लगा था। खेल के मैदान में ये शूज एडी को अत्यंत सुविधाजनक लगे तो वह अपने मित्रों के लिए भी शूज बनाने लगा, जिन्हें खूब पसंद किया गया।  इससे पहले कि वे फैक्टरी ज्वाॅइन करते, पहला विश्वयुद्ध शुरू हो गया। एडोल्फ ने जर्मनी की ओर से लड़ाई लड़ी। पहले विश्वयुद्ध से लौटने के बाद उन्होंने अपनी मां की लॉन्ड्री में स्पोर्ट्स शूज बनाना शुरू कर दिया। बतौर सैनिक हार का सामना कर चुके एडोल्फ कुछ ऐसा करना चाहते थे कि हार के कलंक को मिटा सकें। उनके पिता क्रिस्टोफ और ट्रैक शूज बनाने वाले अन्य भाइयों ने इसमें एडोल्फ की मदद की। एक जुलाई 1924 को बड़े भाई रूडोल्फ डेसलर के साथ एडोल्फ ने अपनी “डेसलर ब्रदर्स शू फैक्टरी’ शुरू की। 
लॉन्ड्री में बना पहला कारखाना
अपने बनाए शूज की लोकप्रियता को देखते हुए एडी ने भाई रूडी के साथ स्पोर्ट्स शूज बनाने का कारखाना लगाने का निर्णय लिया, लेकिन पैसे नहीं थे। दोनों भाइयों ने मां की लॉन्ड्री को अपना वर्कशॉप बनाया। यहां बिजली नहीं मिलने पर वे स्टेशनरी साइकिल के पेडल पावर से बिजली पैदा करते थे। इस तरह जब एडी और रूडी ने थोड़ा पैसा कमाया तो 1 जुलाई 1924 को उन्होंने डासलर ब्रदर्स नाम से एक कंपनी का गठन किया, पर राजनीतिक कारणों से अलग हो गए। 
ओलिम्पिक में पहने गए एडिडास शू
1928 के ओलिंपिक्स में डेसलर ने कई खिलाड़ियों के लिए सामान बनाया। इससे उन्हें अंतरराष्ट्रीय ख्याति मिली। 1936 में बर्लिन में समर ओलिंपिक के दौरान डेसलर ने अमेरिकी एथलीट जेसी ओवेन्स के लिए शूज और अन्य सामान बनाया। जेसी ने एड़ी के जूते पहनकर 100 मीटर, 200 मीटर और 4 गुणा 100 मीटर की रिले रेस में गोल्ड मेडल जीता और लॉन्ग जंप में भी गोल्ड पर कब्जा जमाया। जेसी के इस प्रदर्शन ने एडी के जूतों को भी मशहूर कर दिया। 
इस बीच जर्मनी में हिटलर का उभार हुआ। इसके साथ ही डेसलर बंधुओं के बीच खाई बढ़नी शुरू हो गई। शुरू में दोनों भाइयों ने नाजी पार्टी की सदस्यता ली। इसके बावजूद रूडोल्फ साम्यवादियों के ज्यादा करीब होते गए। वे साम्यवादी दस्ते में शामिल हुए, लेकिन नाजी पार्टी ने उन्हें पकड़ लिया। इधर, नाजी सदस्यता की आड़ में एडी जूते बनाने का काम करते रहे। नाजी पतन के बाद अमेरिकी फौजों ने एडोल्फ को हिरासत में लिया, बाद में छोड़ दिया। 1948 तक दोनों भाइयों के बीच खाई चौड़ी हो गई थी।

रूडोल्फ अपने कस्बे की आर्च नदी के दूसरी तरफ बस गए और उन्होंने अपनी कंपनी प्यूमा शुरू की। नदी के दूसरी ओर एडोल्फ ने अपने निक नेम एडी के आधार पर कंपनी का नया नाम एडिडास रख लिया। इस तरह 1924 की “डेसलर ब्रदर्स शू फैक्टरी’ का नाम 1948 में एडिडास हो गया। दोनों भाइयों की कंपनियों के बीच नदी एक लकीर के रूप में आज भी मौजूद है। 1978 में एडोल्फ के निधन के बाद उनके बेटे हॉर्स्ट और उसकी प|ी कैथ ने एडिडास का प्रबंधन संभाला। 1987 में हॉर्स्ट की मौत के बाद 1989 में एडिडास को प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बना दिया गया। आज एडिडास 71 हजार 600 करोड़ रुपए की कंपनी है और 51 हजार कर्मचारी काम करते हैं इसमें।

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